बिगाड़ सके न कुछ भी कोरोना, जो हम सब रखेंगे कुछ गौर। बिगाड़ सके न कुछ भी कोरोना, जो हम सब रखेंगे कुछ गौर।
नापाक पाकिस्तान नापाक पाकिस्तान
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।
अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे गान उनके, अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे ...
काश हमें भी मिलता कोई रहगुज़र, जो देता हमारी जिंदगी सँवर । न आया हमारी जिंदगी में काश हमें भी मिलता कोई रहगुज़र, जो देता हमारी जिंदगी सँवर । न आया हमारी...
दुर्दशा गरीब की किसान की मजदूर की, अनाथ की सनाथ की दुर्बलों और दीन की। पटरियो दुर्दशा गरीब की किसान की मजदूर की, अनाथ की सनाथ की दुर्बलों और दीन क...